Sankat Ke Samay Bible Vachan: 10 Powerful Bible Vachan

✝️ Sankat Ke Samay Bible Vachan – कठिन घड़ी में परमेश्वर की प्रतिज्ञाएँ

🌿 प्रस्तावना

जीवन की यात्रा हमेशा आसान नहीं होती। कभी खुशी, तो कभी आँधी-तूफ़ान का सामना करना पड़ता है। बीमारी, आर्थिक समस्या, परिवार में विवाद, नौकरी का संकट, या गहरी निराशा – ये सब इंसान को तोड़ सकते हैं। लेकिन ऐसे समय में संकट के समय बाइबल वचन हमारे लिए मार्गदर्शक और संबल बनते हैं।

बाइबल केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि परमेश्वर का जीवित वचन है जो हमें शक्ति, आशा और विश्वास देता है। जब हम टूटे और अकेले होते हैं, तब यही वचन हमें उठाते हैं और कहते हैं – “मत डर, मैं तेरे संग हूँ” (यशायाह 41:10)।

Sankat Ke Samay Bible Vachan
Sankat Ke Samay Bible Vachan

संकट के समय आशा और शांति देने वाले 10 वचन

🌿 1. परमेश्वर हमारी शरण और बल

📖 भजन संहिता 46:1
परमेश्‍वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलनेवाला सहायक।

👉 यह सबसे प्रसिद्ध संकट के समय बाइबल वचन है। जब भी मुसीबत आती है, हमें डरने की आवश्यकता नहीं, क्योंकि परमेश्वर हमारी शरण और गढ़ है। वह हमारे साथ है और संकट से बाहर निकालता है।

🌿 2. मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूँ

📖 यशायाह 41:10
“मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूँ, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्‍वर हूँ; मैं तुझे दृढ़ करूँगा और तेरी सहायता करूँगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्भाले रहूँगा।”

👉 संकट में जब लोग हमारा साथ छोड़ देते हैं, तब यह संकट के समय बाइबल वचन हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर कभी हमें अकेला नहीं छोड़ता।

🌿 3. बोझ यहोवा पर डाल दो

📖 भजन संहिता 55:22
अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा।

👉 कभी-कभी संकट इतना बड़ा लगता है कि हम उसे खुद उठा ही नहीं पाते। तब हमें अपने बोझ को प्रभु पर डालना चाहिए। यही संकट के समय बाइबल वचन हमें हल्कापन और शांति देता है।

🌿 4. सब चिन्ताएँ उसी पर डाल दो

📖 1 पतरस 5:7
“अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है।”

👉 जब हम जीवन की परेशानियों में घिरे होते हैं, तब यह वचन कहता है कि हमें अपनी चिंता परमेश्वर पर डाल देनी चाहिए। वह हर समय हमारी चिंता करता है।

🌿 5. तूफ़ानों में शांति

📖 यूहन्ना 14:27
“मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूँ, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूँ; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता : तुम्हारा मन व्याकुल न हो और न डरे।”

👉 प्रभु यीशु मसीह ने वादा किया कि वह हमें अपनी शांति देगा। यह शांति संसार की शांति से अलग है। संकट चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, यह संकट के समय बाइबल वचन हमें आंतरिक शांति देता है

🌿 6. अन्धकार में भी प्रभु संग है

📖 भजन संहिता 23:4
चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में होकर चलूँ, तौभी हानि से न डरूँगा; क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है।

👉 जब हम अंधकार की घाटी से गुजरते हैं, तब यह वचन दिलाता है कि प्रभु की लाठी और सोंटा हमें सांत्वना देता है।

🌿 7. सब कुछ भलाई के लिए

📖 रोमियों 8:28
“हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्‍वर से प्रेम रखते हैं, उनके लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती हैं; अर्थात् उन्हीं के लिये जो उसकी इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।”

👉 यह संकट के समय बाइबल वचन हमें याद दिलाता है कि चाहे परिस्थितियाँ बुरी क्यों न हों, अंततः वे हमारे लिए भलाई ही लाती हैं।

🌿 8. सहन करने की शक्ति

📖 1 कुरिन्थियों 10:13
तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है। परमेश्‍वर सच्‍चा है और वह तुम्हें सामर्थ्य से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन् परीक्षा के साथ निकास भी करेगा कि तुम सह सको।

👉 हर संकट के साथ परमेश्वर हमें सहन करने की शक्ति देता है और निकलने का मार्ग भी।

🌿 9. मेरी कृपा तेरे लिये काफी है

📖 2 कुरिन्थियों 12:9
“पर उसने मुझ से कहा, “मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ्य निर्बलता में सिद्ध होती है।” इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्ड करूँगा कि मसीह की सामर्थ्य मुझ पर छाया करती रहे।”

👉 यह वचन हमें समझाता है कि संकट में भी परमेश्वर की कृपा हमें थामे रहती है।

🌿 10. दृढ़ और साहसी हो

📖 यहोशू 1:9
“क्या मैं ने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्‍चा न हो; क्योंकि जहाँ जहाँ तू जाएगा वहाँ वहाँ तेरा परमेश्‍वर यहोवा तेरे संग रहेगा।”

👉 यह संकट के समय बाइबल वचन हमें साहस और हिम्मत देता है।

📖 संकट और परमेश्वर की योजना

संकट जीवन का अंत नहीं है बल्कि परमेश्वर की योजना का हिस्सा है। बाइबल हमें बताती है कि हर संकट हमें और मज़बूत बनाता है और हमें प्रभु पर और अधिक निर्भर रहना सिखाता है।

👉 जैसा कि रोमियों 8:28 कहता है:
“हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्‍वर से प्रेम रखते हैं, उनके लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती हैं; अर्थात् उन्हीं के लिये जो उसकी इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।”

🌟 संकट से निकलने के लिए 5 कदम

  1. प्रार्थना में लगे रहो – (फिलिप्पियों 4:6-7)

  2. बाइबल वचन पढ़ो और मनन करो

  3. विश्वास में स्थिर रहो

  4. चर्च और विश्वासियों से जुड़ो

  5. धन्यवाद दो – हर स्थिति में परमेश्वर का धन्यवाद करो।

🙏 संकट के समय की प्रार्थना

“हे प्रभु, जब मैं संकटों से घिर जाऊँ, तब मुझे तेरी ओर देखने दे। तू ही मेरी चट्टान है, तू ही मेरी शरण है। मैं अपने सब बोझ तेरे चरणों में डालता हूँ। मुझे तेरी शांति और तेरा बल प्रदान कर। यीशु मसीह के नाम से, आमीन।”

🙏 निष्कर्ष

प्रिय भाइयों और बहनों, जब भी जीवन में संकट आए, घबराने की आवश्यकता नहीं है। संकट के समय बाइबल वचन हमें आशा, शांति और विश्वास देते हैं। चाहे बीमारी हो, आर्थिक तंगी हो, परिवार की समस्या हो या निराशा – प्रभु का वचन हमें संभालता है।

याद रखें – संकट स्थायी नहीं है, लेकिन परमेश्वर का वचन सदैव स्थायी है।

❓ FAQs – संकट के समय बाइबल वचन

Q1: संकट में सबसे शक्तिशाली बाइबल वचन कौन सा है?
👉 भजन संहिता 46:1 – “परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक।”

Q2: जब मैं चिंता करता हूँ तो कौन सा वचन याद रखना चाहिए?
👉 1 पतरस 5:7 – “अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है।”

Q3: क्या परमेश्वर हर संकट से बचाता है?
👉 हाँ, लेकिन कभी-कभी वह हमें संकट से निकालने की बजाय संकट में हमें मजबूत बनाता है।

Q4: क्या बाइबल वचन वास्तव में शांति दे सकते हैं?
👉 हाँ, बाइबल परमेश्वर का जीवित वचन है। यह आत्मा में शांति और हृदय में साहस लाता है।

📢 Call to Action

प्रिय मित्रों, यदि आप जीवन में किसी भी तरह के संकट से गुजर रहे हैं, तो निराश न हों। संकट के समय बाइबल वचन को पढ़ें, उन पर मनन करें और विश्वास के साथ प्रार्थना करें। प्रभु यीशु मसीह आपको कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे।

👉 यदि यह आर्टिकल आपको आशीष देता है, तो इसे दूसरों के साथ भी साझा करें ताकि वे भी संकट के समय परमेश्वर के वचन से आशा पा सकें।

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